जब ईद आती तो मुझे उसके घर एक बकरा मिमियाते हुए बंधा दिखाई देता था। जब ईद आती तो मुझे उसके घर एक बकरा मिमियाते हुए बंधा दिखाई देता था।
उसने कुछ खाने पीने का सामान रख लिया और चल पड़ी बिहार उसने कुछ खाने पीने का सामान रख लिया और चल पड़ी बिहार
तुम अपना धर्म निभाओ बाकी सब ईश्वर पर छोड़ दो तुम अपना धर्म निभाओ बाकी सब ईश्वर पर छोड़ दो
कितना अंदर तक देखती हैं उसकी आँखें । मधुर सम्मोहित सा उसको देखता रह गया । कितना अंदर तक देखती हैं उसकी आँखें । मधुर सम्मोहित सा उसको देखता रह गया ।
अब लग रहा हे तुम जा रही हो,मन के गुप्प अंधेरे अंधियारे से निकल कही उजालो में खो सी रही अब लग रहा हे तुम जा रही हो,मन के गुप्प अंधेरे अंधियारे से निकल कही उजालो में खो ...
अपनी घराने की बहू को देखकर दूर कहीं सरल की मां की आत्मा आज संतृप्त थी। अपनी घराने की बहू को देखकर दूर कहीं सरल की मां की आत्मा आज संतृप्त थी।